जम्मू कश्मीर - सरकार गिरने के कुछ ही दिनों बाद पीडीपी में
कुछ विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आने से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की
मुश्किलें बढ़ गई हैं। पार्टी में किसी प्रकार की टूटफूट होने से बचाने के लिए उन
पर पार्टी का दबाव बढ़ा है। डैमेज कंट्रोल के लिए पांच से छह वरिष्ठ सदस्यों को
लगाया गया है।
पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी ने सोमवार को
खुलकर महबूबा के खिलाफ जहर उगला था। उन्होंने महबूबा को अक्षम तथा पार्टी में
भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए यहां तक कहा था कि उनकी वजह से ही
सरकार गिरी है। पीडीपी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक विधायक
पार्टी प्रमुख की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। कुछ मंत्री न बनाए जाने की वजह से तो
कुछ मंत्रिमंडल से हटाने पर। कुछ पार्टी में तवज्जो न दिए जाने से।
इमरान का शिया समुदाय में बेहद गहरा प्रभाव है।
उनकी नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है। इस वजह से आगामी लोकसभा चुनाव को देखते
हुए पार्टी उन्हें नाराज नहीं करना चाहती है। उनकी मान मनौव्वल के लिए पार्टी
उपाध्यक्ष सरताज मदनी तथा अन्य को लगाया गया है। दक्षिणी कश्मीर के भी तीन विधायक
नाराज बताए जाते हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि पूर्व मंत्री डा. हसीब
द्राबू, इमरान अंसारी
सहित कुछ अन्य नेताओं की भाजपा के साथ भी नजदीकियां हैं।
सज्जाद ने मोदी से मुलाकात से किया इनकार
पूर्व मंत्री तथा पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायक
सज्जाद गनी लोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की खबरों से इनकार किया
है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यह सिर्फ अटकलबाजी है। उनकी मोदी से कोई मुलाकात
नहीं है। ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही थी कि राज्य में नई सरकार के
गठन में लोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस सिलसिले में उनकी प्रधानमंत्री
से मंगलवार को मुलाकात हुई है।
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