Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

ads header

बुराई पर अच्छाई की विजय के पर्व विजयदशमी की आपको हार्दिक शुभकामनायें

Desk - बुराई पर अच्छाई की विजय के पर्व विजयदशमी की आपको हार्दिक शुभकामनायें

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दसवें दिन विजयदशमी या दशहरा त्यौहार मनाया जाता है।

दशहरा के पूर्व आने वाले नौ दिनों में दुर्गा माँ के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है तथा विजयदशमी के दिन त्यौहार की समाप्ति होती है। 

इस दिन राम की रावण पर विजय के रूप में रावण का पुतला जला कर विजयदशमी मनाई जाती है। इसे कई जगह आयुध पूजा भी कहते हैं। 

विजयदशमी के दिन घरों में अथवा संस्थाओं में शस्त्र पूजा की जाती है ताकि शस्त्रबल में वृद्धि हो तथा संकट के समय ये शस्त्र रक्षा हेतु काम आए। 

कुछ लोगों का मत है कि यह कृषि उत्सव है। किसान अपने खेत में सुनहरी फसल उगाकर अनाज रूपी संपत्ति घर लाता है। इसी उल्लास में भगवान की पूजा करता है।

देश के हर प्रांत में यह त्यौहार विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। बंगाल में पाँच दिनों तक दुर्गा पूजा की धूम रहती है तथा इसे बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह मान्यता है कि भैस रूपी राक्षस महिषासुर का विनाश करने के लिए देवताओं से शक्ति तथा शस्त्र प्राप्त करके दुर्गा देवी ने अपना रूप धारण किया था। 

इसी प्रकार गुजरात में नवरात्र के उपलक्ष्य में आयोजित डांडिया की नौ दिनों तक खूब धूम रहती है। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से छुड़ाया था और सारा समाज भयमुक्त हुआ था। रावण को मारने से पूर्व राम ने देवी दुर्गा की आराधना की थी। मां दुर्गा ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें विजय का वरदान दिया था। इस अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है तथा बुराई पर अच्छाई के प्रतीक स्वरूप रावण के बड़े बड़े पुतले बनाए जाते हैं तथा तथा उन्हें जलाया जाता है। इसके साथ ही आतिशबाजियां छोड़ी जाती हैं।

मैसूर के दशहरा पर्व की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है। विजयदशमी के अवसर पर शहर को फूलों,दीपों एवं बिजली के बल्बों से सजाया जाता है जिसकी रौनक देखते बनती है। मैसूर महल को भी सजाया जाता है तथा विजयदशमी के दिन सुसज्जित हथियों की शोभायात्रा निकली जाती।

दशहरा में दस का अर्थ पाँच कर्मेन्द्रियों तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियों से हैं। इन इंद्रियों पर जीत हासिल कर हमें अपनी शक्ति और क्षमताओं पर विजय हासिल करना चाहिए। 

अतः विजयदशमी का मुख्य संदेश है खुद पर नियंत्रण करना है,

बुराई पर अच्छाई की विजय के पर्व विजयदशमी की आपको परिवार सहित आत्मीय शुभकामनायें

इस अवसर पर हम सब मिलकर भी अपनी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए सकारात्मक रचनात्मक और सहयोगात्मक कार्यों में अपने आप को व्यस्त रखें, ईश्वर से प्रार्थना है कि वह वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए।

 उदय सिंह यादव
प्रधान संपादक - INA NEWS

Post a Comment

0 Comments