नई दिल्ली - लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग फाइनल हो गया है। इस बाबत सोमवार को रात करीब दो बजे तक बैठकों का दौर चला। इसका ऐलान मंगलवार को दिन में कभी भी हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर या फिर शाम तक गठबंधन की स्थिति पूर्णतया स्पष्ट हो जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली के नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें AAP-कांग्रेस गठबंधन का ऐलान हो सकता है।
गठबंधन होने की स्थिति में दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों पर चुुनाव 3-3-1 के फॉर्मूले पर ही लड़ा जाएगा। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि इस फॉर्मूले के तहत दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद दिल्ली से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
...इसलिए करना पड़ रहा है गठबंधन
यहां पर बता दें कि हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से आम आमदी पार्टी का गठबंधन नहीं हो पाया है और दिल्ली में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में AAP को बड़ा नुकसान होने का खतरा था। इस बीच अन्य घटक दलों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय महागठबंधन के घटकों का काफी दबाव था, खासकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममत बनर्जी का भी दबाव था कि AAP भाजपा को हराने के लिए सक्षम पार्टियों के साथ गठबंधन करे।
शीला दीक्षित नहीं चाहतीं AAP से गठबंधन
पिछले सप्ताह दिल्ली प्रदेश कमेटी कांग्रेस (DPCC) अध्यक्ष शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया था। प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा था कि हम आगामी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री केजरीवाल दोनों को निशाना बनाएंगे। दोनों हमारे प्रतिद्वंद्वी हैं। साथ ही शीला ने यह भी कहा था कि हम दिल्ली की स्थिति के मुताबिक अपनी चुनावी रणनीति बनाएंगे।
INA NEWS DESK
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